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Saturday, March 31, 2012

अंगूठी का नगीन

माना कि तेरे दिल में कोई और मकीन है..
तू फिर भी मेरा ग़म है, अकीदा है यकीन है...

ये आइना तुझे तेरी खबर दे ना सकेगा..
आ देख मेरी आँखों से तू कितना हसीन है...

मैं जब्र के सजदो से कहीं टूट ना जाऊं..
पत्थर के खुदाओ मेरी शीशे कि जबीन है...

पलकों से तराशा था हमने कभी जो हीरा...
मत पूछ कि अब किस कि अंगूठी का नगीन है...

*^*..एक ख्वाब..*^*

शुक्रिया,

चोट पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया,

पत्थर को बुत की शकल में लाने का शुक्रिया.

जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए,

ऐ - नींद आज तेरे ना आने का शुक्रिया.....


सूखा पुराना ज़ख़्म नए को जगह मिली,

स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया...

आती न तुम तो क्यों मै बनाता ये सीढियाँ,

ऐ-दीवारों मेरी राहों में आने का शुक्रिया....


अश्कों सा माँ की गोद में आकर सिमट गया,

नज़रों से अपनी, मुझको गिराने का शुक्रिया.

अब ये हुआ, के दुनिया ही लगती है मुझे घर,

यूँ मेरे घर में, आँग लगाने का शुक्रिया.


ग़म मिलते हैं, तो और निखरती है शायरी,

ये बात है, तो सारे ज़माने का शुक्रिया.

अब मुझे आ गए हैं मनाने के सब हुनर,

ऐ-ख्वाब मुझसे यूँ रूठ जाने का शुक्रिया.


**^००एक ख्वाब००^**

Tuesday, March 6, 2012

मेरी हसरत

मेरी हसरत है के अपनी तमन्नाओ का हिसाब देखूं,
सवाब देखू ख्वाब देखू ज़िन्दगी की किताब देखूं.
न देखूं  मै किसी की बर्बादी ए ख्वाब ता उम्र,
मिसाल देखू खिसाल देखूं जीवन सबका खुशहाल देखूं.

मेरी हसरत है के माँ की दुआओं का असर देखूं,
रुत देखूं, रुतबा देखूं, हौसलों की बात ऐ सफ़र देखूं.
न देखूं मै बुझता हुआ चिराग कोई ऐ ख्वाब,
रुआब देखूं मुआब देखूं खुशियों का पल अमर देखूं.

मेरी हसरत है मै कदमो में अपने सारा जहाँ देखूं,
कांटे देखूं,रातें देखूं डंट कर चलने का समां देखूं,
न देखूं मै खुद को हारता कभी ज़िन्दगी के सफ़र में,
जीत देखूं, मीत देखूं,कुछ धोखादरों की वफ़ा देखूं  .

मेरी हसरत है के अपनी तमन्नाओ का हिसाब देखूं,
सवाब देखू ख्वाब देखू ज़िन्दगी की किताब देखूं.
न देखूं  मै किसी की बर्बादी ए ख्वाब ता उम्र,
मिसाल देखू खिसाल देखूं जीवन सबका खुशहाल देखूं.

**एक ख्वाब**


Tuesday, February 28, 2012

*"कीमत"*

हम आइनों से त़ा ल्लुक रखते थे,
कीमत पत्थर की होती है समझ आया,
हम अंधेरो में भटका करते थे,
रौशनी अमीरों की होती है समझ आया.

चराग चौखट पे हम जला के रखते थे,
दिल को जलाने से रौशनी होती है समझ आया,
हम बचपन से ही दिल को अपने साफ़ रखते थे,
कीमत तो चेहरों की होती है समझ आया.