माना कि तेरे दिल में कोई और मकीन है..
तू फिर भी मेरा ग़म है, अकीदा है यकीन है...
ये आइना तुझे तेरी खबर दे ना सकेगा..
आ देख मेरी आँखों से तू कितना हसीन है...
मैं जब्र के सजदो से कहीं टूट ना जाऊं..
पत्थर के खुदाओ मेरी शीशे कि जबीन है...
पलकों से तराशा था हमने कभी जो हीरा...
मत पूछ कि अब किस कि अंगूठी का नगीन है...
*^*..एक ख्वाब..*^*
तू फिर भी मेरा ग़म है, अकीदा है यकीन है...
ये आइना तुझे तेरी खबर दे ना सकेगा..
आ देख मेरी आँखों से तू कितना हसीन है...
मैं जब्र के सजदो से कहीं टूट ना जाऊं..
पत्थर के खुदाओ मेरी शीशे कि जबीन है...
पलकों से तराशा था हमने कभी जो हीरा...
मत पूछ कि अब किस कि अंगूठी का नगीन है...
*^*..एक ख्वाब..*^*
ये आइना तुझे तेरी खबर दे ना सकेगा..
ReplyDeleteआ देख मेरी आँखों से तू कितना हसीन है...
वाह...बहुत अच्छी प्रस्तुति,....
फालोवर बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी,......
आप अपने कमेंट्स बाक्स से वर्ड वेरीफिकेशन हटा ले,इसके कारण कमेंट्स देने में परेशानी और समय बर्बाद होता है,..कृपया ध्यान दे
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