मेरा दर मेरी कब्र हरी रह गयी,
आँखें भरी थी भरी रह गयी
उन्होंने जाते हुए कहा था हम लौट कर आयेंगे,
पुतलियाँ आज भी राहों पे धरी रह गयी.
वो दर बदर भटके दौलत की आस में,
हमारी साँसे नीलाम पड़ी रह गयी.
वो समंदर और था जो डूब गया,
कश्तियाँ हमारे इश्क की बरी रह गयी.
काश होता उन्हें भी आग़ाज़-ऐ-मोहब्बत,
यही हसरत हमारी धरी की धरी रह गयी.
वो चल पड़े जब विदा होकर लाल जोड़े में,
रूह साथ हो ली धड़कन मरी रह गयी.
**एक ख्वाब**
काश होता उन्हें भी आग़ाज़-ऐ-मोहब्बत,
ReplyDeleteयही हसरत हमारी धरी की धरी रह गयी.
वो चल पड़े जब विदा होकर लाल जोड़े में,
रूह साथ हो ली धड़कन मरी रह गयी.
दिल से लिकली बात सुनने लिखने और पढने में अच्छी लगती है । बहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाएं । धन्यवाद ।
Sarovar sahab aap apni post ka link hume send kariye pz
Delete